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मां बगलामुखी महाकाल मंदिर गुुरैया में हुआ दिव्य अनुष्ठान — हवन, आस्था और शक्ति का अद्भुत संगम


छिंदवाड़ा:-आश्विन मास की अष्टमी तिथि पर माँ आदिशक्ति दुर्गा की पावन आराधना के अवसर पर गुुरैया स्थित माँ बगलामुखी महाकाल मंदिर में श्रद्धा, भक्ति और दिव्यता का विराट संगम देखने को मिला। पूरे नगर व आसपास के क्षेत्रों से भक्तगण माँ बगलामुखी शक्तिपीठ में उमड़ पड़े, जहाँ भव्य विशेष अनुष्ठान एवं हवन का आयोजन सम्पन्न हुआ।

मंदिर प्रांगण में सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था। घंटा-घड़ियाल, शंखनाद और “जय माँ बगलामुखी” के जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा। वैदिक मंत्रों की ध्वनि से वातावरण में पवित्रता और ऊर्जा का संचार हुआ।

विशेष हवन एवं 1108 रुद्राष्टाक्षरी पाठ

पूज्य आचार्य पं. संजय भार्गव (ज्योतिषाचार्य) के मार्गदर्शन में 1108 रुद्राष्टाक्षरी का उच्चारण किया गया। इसके उपरांत अत्यंत दुर्लभ बाल्मीकि हवन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर माता जी माया भार्गव की दिव्य उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी अलौकिक बना दिया।

पं. संजय भार्गव ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा —
“माँ बगलामुखी साधना साधक को शत्रु बाधाओं से मुक्त कर जीवन में विजय दिलाती है। विशेष बाल्मीकि हवन से माँ की कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता और आत्मबल की वृद्धि होती है।”

माता जी माया भार्गव का आशीर्वाद

माता जी माया भार्गव ने श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए कहा कि “गुुरैया का यह मंदिर केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि एक सच्चा शक्तिपीठ है। यहाँ की साधना से साधक को आत्मिक शांति, मानसिक बल और शत्रु नाश की दिव्य शक्ति प्राप्त होती है। माँ बगलामुखी की कृपा से जनमानस का कल्याण और समाज की प्रगति होती है।”

माता जी ने आगे कहा कि “माँ बगलामुखी केवल शक्ति की देवी ही नहीं, बल्कि सत्य और धर्म की रक्षक भी हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से यहाँ साधना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।”

श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

मंदिर प्रांगण में हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए। हर किसी के चेहरे पर माँ बगलामुखी की भक्ति का तेज साफ झलक रहा था। महिलाएँ पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर आईं और पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। युवाओं और बच्चों ने भी उत्साहपूर्वक माँ के जयकारे लगाए।

अनुष्ठान के पश्चात भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और भक्ति भाव से नमन किया। पूरे क्षेत्र में मानो आस्था का महासागर उमड़ आया हो।

आगामी कार्यक्रम

उल्लेखनीय है कि आगामी 1 अक्टूबर 2025, नवमी के पावन अवसर पर मंदिर प्रांगण में कन्या भोज, दुर्गा अर्चन एवं माँ बगलामुखी अर्चन-मिर्ची हवन का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर माँ की कृपा प्राप्त करने का आह्वान किया गया है।

गुुरैया का यह माँ बगलामुखी महाकाल मंदिर धीरे-धीरे सम्पूर्ण क्षेत्र का प्रमुख शक्तिपीठ बनकर उभर रहा है। यहाँ निरंतर होने वाले अनुष्ठान और हवन न केवल श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि पूरे समाज में सद्भावना और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

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